अरे भाई कुछ करो ना

          मेरे पास किसी का फॉरवर्ड आया जिससे प्रेरित होकर यह दो शब्द प्रस्तुत हैं : ज़िन्दगी आजकल बहुत मुश्किलों में है, क्योंकि – बाहर जाओ तो डर सबको, लग न जाये वायरस कोरोना ऑफिस में बॉस कहे, टॉरगेट पूरा करो ना घर से काम करो तो सुनते रहो, यह करो न, वह करो ना बस में जाओ तो कंडक्टर बोले जल्दी करो ना बच्चे उधर दुंद मचायें पापा (या मम्मी) जल्दी करो ना कोरियर वाला बाहर खड़ा, साहेब जल्दी करो ना मेड का महीना पूरा, पेमेंट बाकी, बाई जल्दी करो ना बाहर जाने की तैय्यारी, … Continue reading अरे भाई कुछ करो ना